PM-Kisan Yojana Apply Online: किसानों के लिए आर्थिक सहायता योजना

PM-Kisan Yojana Apply Online: किसानों के लिए आर्थिक सहायता योजना

PM-Kisan Yojana
या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जो छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करती है। यह योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य देश के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारना और खेती से जुड़े खर्चों में सहायता प्रदान करना है।

 

PM-Kisan Yojana किस प्रकार की योजना है?

यह एक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (Direct Benefit Transfer) है, जिसके तहत पात्र किसानों के बैंक खाते में सालाना ₹6,000 सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं। यह राशि तीन किस्तों में (प्रत्येक 4 महीने में ₹2,000) जमा की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें खेती-बाड़ी के लिए आवश्यक संसाधनों को खरीदने में मदद करना है।

 

PM-Kisan Yojana के उद्देश्य

  1. आर्थिक सहायता: खेती से जुड़े दैनिक खर्चों में किसानों को सहायता प्रदान करना।
  2. किसानों की आय बढ़ाना: छोटे और सीमांत किसानों की आय में सुधार करना ताकि उनकी आजीविका बेहतर हो सके।
  3. कर्ज़ पर निर्भरता कम करना: यह योजना किसानों को ऋण के जाल से बचाने में मदद करती है।
  4. कृषि उत्पादन बढ़ाना: वित्तीय सहायता से किसानों को खेती के लिए बीज, खाद और उपकरण खरीदने में मदद मिलती है।
  5. गरीबी कम करना: यह पहल छोटे किसानों की गरीबी कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

PM-Kisan Yojana के लिए पात्रता (Eligibility)

योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने होते हैं:

  1. छोटे और सीमांत किसान: जिनके पास 2 हेक्टेयर (5 एकड़) तक की कृषि भूमि है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं।
  2. खेत का मालिकाना हक: केवल वे किसान जिनके नाम पर खेती की भूमि दर्ज है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  3. बैंक खाता अनिवार्य: लाभ सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होता है, इसलिए बैंक खाता और आधार कार्ड का लिंक होना जरूरी है।
  4. KYC अनिवार्य: सभी लाभार्थियों के लिए KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है।

अयोग्य किसान:

  • संस्थागत भूमि धारक।
  • सरकारी कर्मचारियों और आयकरदाता परिवारों के सदस्य।
  • डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, और अन्य पेशेवर।
  • पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन ₹10,000 से अधिक है।

 

PM-Kisan Yojana के लाभ

  1. वार्षिक ₹6,000 की सहायता: यह राशि खेती के छोटे खर्चों को पूरा करने में मदद करती है।
  2. तीन किस्तों में भुगतान: साल में तीन बार, हर चार महीने में ₹2,000 की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।
  3. सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर: मध्यस्थता को खत्म करने के लिए लाभ सीधे किसान के खाते में जमा होता है।
  4. ऑनलाइन आवेदन और ट्रैकिंग: किसान योजना की स्थिति को PM-Kisan पोर्टल पर ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
  5. आधार-लिंक्ड भुगतान: इससे पारदर्शिता बनी रहती है और गलत लाभार्थियों को पैसा मिलने से रोका जाता है।
  6. कर्ज़ पर निर्भरता कम: छोटी-छोटी वित्तीय जरूरतों के लिए किसानों को ऋण लेने की आवश्यकता कम हो जाती है।

PM-Kisan Yojana के तहत आवेदन कैसे करें?

  1. ऑनलाइन आवेदन:

    • PM-Kisan की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in पर जाएं।
    • New Farmer Registration पर क्लिक करें।
    • आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स भरें।
    • सबमिट करने के बाद, KYC प्रक्रिया पूरी करें।
  2. CSC सेंटर से आवेदन:

    • किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से भी आवेदन कर सकते हैं।
    • केंद्र पर आधार कार्ड, बैंक पासबुक और भूमि दस्तावेज लेकर जाएं।
  3. आवेदन की स्थिति जांचें:

    • किसान पोर्टल पर जाकर Beneficiary Status विकल्प से अपनी आवेदन स्थिति देख सकते हैं।

     

     

    PM-Kisan Yojana के लागू होने का कारण

    भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। हालांकि, छोटे और सीमांत किसानों को कई बार खेती के खर्चों को पूरा करने के लिए ऋण लेना पड़ता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है। इन चुनौतियों को दूर करने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए PM-Kisan Yojana शुरू की गई।

    सरकार का मानना है कि अगर किसानों की आय में वृद्धि होगी, तो देश की कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। यह योजना किसानों को समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि वे बीज, खाद और अन्य कृषि संसाधनों की खरीद कर सकें।

    योजना से जुड़ी कुछ चुनौतियाँ

  1. KYC और आधार लिंकिंग में समस्या: कई किसानों के खाते आधार से लिंक नहीं हैं, जिससे उन्हें किस्त मिलने में देरी होती है।
  2. भूमि रिकॉर्ड की जटिलता: जिन किसानों के पास स्पष्ट भूमि रिकॉर्ड नहीं हैं, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाता।
  3. अन्य योजनाओं के साथ समन्वय: कई बार राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं में तालमेल की कमी होती है।
  4. डिजिटल साक्षरता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसान ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से अनजान होते हैं


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